Monday, May 9, 2016

अवैध अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री मौन

उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि तालाबों, कुओं पर किसी भी व्यक्ति का अतिक्रमण हो, उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाये। चाहे यह अतिक्रमण कितना भी पुराना क्यों न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए  शासन और प्रशासन की अनदेखी के चलते जलस्रोतों को बर्बाद होते देख वर्ष 2001 में एक पीआईएल 4787/2001 उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई। दाखिल पीआईएल की गम्भीरता को देखते हुए 25 जुलाई 2001 को सैयद शाह कादरी एवं एसएन फूकन न्यायाधीशों ने संयुक्त रूप से आदेश दिया कि तालाबों, पोखरों, बावडि़यों तथा कुओं का न तो स्वरूप बदला जा सकता है और न ही किसी तरह का अतिक्रमण किया जा सकता है। तालाबों, पोखरों, बावडि़यों तथा कुओं पर जो भी अतिक्रमण हो उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाये।


सनद रहे कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रॉमीण क्षेत्रों में अनेकों स्थानों पर भूजल की उपलब्धता में कमीं आने के साथ ही भूजल स्तर में तेजी से गिरावट आई और भूगर्भशास्त्रियों ने आशंका जाहिर की कि यदि यही हालात रहे तो आगामी वर्षों में पानी का भयंकर संकट देश के समक्ष खड़ा हो जाएगा तब इसी को ध्यान रखते हुए 18 फरवरी 2013 को प्रदेश में उत्तर प्रदेश भूजल प्रबन्धन, वर्षाजल संचयन एवं भूजल रिचार्ज हेतु समग्र नीतिलागू की गई। इस समग्र नीति को क्रियान्वयन को कई विभागों को सौंपा गया।

इतना ही नहीं भूजल की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्राकृतिक जलस्रोतों तालाबों, पोखरों तथा कुओं को संरक्षित करने के लिये 1 अप्रैल 2015 को मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान योजनाको लागू किया है। जिसे कड़ाई से पालन करनें पर पूरी तरह जोर दिया है। लेकिन शासन-प्रशासन ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए जलस्रोतों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया।

क्या है यहाँ के अतिक्रमण का मामला

भूमाफियाओं द्वारा भूजल से संबंधित अतिक्रमण का मामला ग्रॉम/पोस्ट-परियत, क्षेत्र-बरसठी, तहसील-मडि़याहूँ, जिला-जौनपुर, उत्तर प्रदेश का एक नया मामला संज्ञान में आया है। यहाँ के सरकारी अधिकारियों के सरपरस्ती में एक कुँआ जिसे ग्रॉमवासी कोतवाली का ईनारा कहते हैं जो पखण्डी सोनार व मल्लर तिवारी के घर के पास में है, का तीन ओर से जमीन के लालच में एक दबंग महिला विजय लक्ष्मी व उसके पति सुरेश वकील (उमर)  नें बुरी तरह अतिक्रमण कर लिया है। ये कुआँ गाँव परियत का एक ऐसा पुराना कुआँ है जहाँ से गाँव के किसान अपने खेतों की सिंचाई किया करते थे, मगर भूमाफिया दबंगों के कारण आज यह कुआँ अपने दुर्भाग्य और दुर्दिन पर जार-जार से रो रहा है। सनद रहे कि उपरोक्त दबंग व भूमाफिया विजय लक्ष्मी एवं उसके पति सुरेश वकील (उमर) दूसरे के जमीन को कब्जाने की नियति रखने वाले लोभी प्रकृति के हैं  जिनकी कुदृष्टि दूसरों के जमीन पर हमेंशा लगी रहती है।

 ज्ञात रहे कि उपरोक्त कुँआ को पूर्व, पश्चिम और उत्तर की ओर से पूरी तरह भूमाफियाओं नें घेर लिया है। इसमें दक्षिण की ओर से एक लिंटर पड़ा है। भूमाफियाओं नें इसे सिर्फ आगे की ओर कुआँ  तक जानें के लिए एक छोटा सा सँकरा रास्ता छोड़ा है। गाँव के सारे ग्रॉमवासी सब कुछ जानते हुए उपरोक्त भूमाफियाओं के दबंगई के डर से मौन साध लिए हैं, गाँव वाले इनके आगे बुरी तरह सहमें से रहते हैं। ये माफिया खुलेआम कहते हैं कि कोई हमारा कुछ बिगाड़ नहीं सकता जिसको मेरी शिकायत जहाँ भी करनी हो कर दे। सपा के कुछ छुटभैया नेता परोक्ष रूप से इनके सहायक हैं जिनके दम पर ये भूमाफिया अपने घिनौने काम को अंजाम देते हैं। सनद रहे कि जब कुँआ के अतिक्रमण की जानकारी  पहली बार सरकारी अधिकारियों को मिली तो ऑनन-फॉनन में इस अतिक्रमण को गिरा दिया गया, मगर पैसे और पावर के दम पर ये दबंग फिर इस कुँआ का बुरी तरह अतिक्रमण करने में सफल हो गए।

आज आवश्यकता है इस कोतवाली के कुँआ का अतिक्रमण पूरी तरह से छुड़ाया जाए व माननीय मुख्यमंत्री के आदेशों का यथाशीघ्र पालन कराया जाए। ग्रॉम परियत के सारे ग्रॉमवासी , आस-पास के किसान व पथिक इस कुँआ के अतिक्रमण से छुटकारा चाहते हैं।

आंदोलन की तैयारी  

शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण आज तालाब और कुँओं का न तो ठीक से रख-रखाव हो रहा है  न ही अवैध अतिक्रमण से बचाव । इसी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता व राष्ट्रवादी नेता पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र व डॉ0 संतोष  राय नें पूरे देश में एक आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है, इसके लिए जहाँ कहीं भी कुँआ व तालाब का अतिक्रमण है उसे हटवाने के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंग चाहे उसके लिए किसी भी उन्हें किसी भी सीमा तक जाना हो। और, इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव परियत से कर दी है। ज्ञात रहे कि यहाँ के कुँआ का अतिक्रमण हटाने के लिए पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र नें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को 15/19 अप्रैल, 2016 को एक पत्र भी लिखा है। अब देखना है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस पर क्या कार्यवाही करते हैं।

महत्‍वपूर्ण लिंक : 



Friday, March 18, 2016

यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया


बरसठी/मडि़याहूँ, 0प्र0 ।  प्रार्थिनी राजकुमारी देवी प/ति श्री डॉ0 रमाकांत गुप्ता ग्रॉम/पोस्ट परियत, थाना/क्षेत्र बरसठी, तहसील -मडि़याहूँ, जिला- जौनपुर, उत्तर प्रदेश, दिनांक--5/03/2016 ऑनलाइन एक पत्र माननीय मुख्‍यमंत्री उत्‍तर प्रदेश के नाम से  थाना बरसठी  के बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका मोबाइल नंबर: 07388791887 है, के विरूद्ध दिया था जिसके बाद तहसील मडि़याहूँ के सीओ के किसी अधिकारी का श्रीमती राजकुमारी देवी के  मोबाइल पर  फोन आया कि आपका बयान लेना है तत्पश्चात राजकुमारी देवी  14/03/2016 को अपना बयान दर्ज कराने गई लेकिन वहाँ पर सीओ साहब के कोई अन्य अधिकारी थे जिन्होंने अपने हाथ से बयान लिखा लेकिन बयान में मुख्य बातें यह कि जो उनके पति से उपरोक्त भ्रष्‍ट अधिकारी बनारसी लाल ने अभद्रता, अपशब्द व अशिष्टता से बात किया वो नहीं लिखा और उसके अभद्रता के बाद उनके  पति का स्वास्थ्य खराब हो गया, ये भी नहीं लिखा गया।
वहां  सीओ कार्यालय में वहाँ के अधिकारी स्वयं बयान लिखकर व रिटायर्ड प्रिंसिपल रह चुके श्रीमती राजकुमारी देवी पर  दबाव बनाकर हस्ताक्षर करा लिये और कहा कि थाने जाकर समझौता कर लेना।
पुन: उन्‍होंने आगे मुख्‍यमंत्री को कराए गए ऑनलाइन ईमेल में लिखा है कि   सीओ कार्यालय में दिये गये बयान की कॉपी में उनके द्वारा किया गया हस्ताक्षर मान्य नहीं होगा। इसलिए उनके  द्वारा आपको दिया गया पत्र ही उनका पूरा  बयान है जिसे मैं पुनः संलग्‍न कर ईमेल किया गया है, उन्‍हें  पूरा विश्वास है कि मुख्‍यमंत्री उनके साथ पूरा न्याय करेंगे।
आगे उस पत्र में राजकुमारी देवी ने लिखा है कि उनकी उम्र करीब 70 साल हो गई है, अतः जिस अधिकारी को बयान लेना हो वो हमारे घर आ सकता है , अधिक उम्र व गठिया रोग के कारण पति-पत्नी अधिक नहीं चल सकते व पति के सीने में अक्सर दर्द रहता है। पुलिस जनसेवक होती है वो कोई भी बयान लेने हमारे घर फोन करके आ सकती है ।
ज्ञात रहे कि हिन्‍दू महासभा की नेता रीता राय ने जौनपुर के एस0पी0 को फोन करके सारे घटना की पूरी जानकारी दिया था । तत्‍पश्‍चात एसपी जौनपुर नें मडि़याहूँ के  सी0 ओ0 को फोन करके घटना की पूरी रिपोर्ट माँगी थी मगर सी0ओ0 मडि़याहूँ  ने कोई विशेष दिलचस्‍पी नही दिखाया बल्कि उनके कार्यालय के अधिकारी आरोपी पुलिस अधिकारी बरसठी के बनारसी लाल को पूरी तरह बचाने में जुट गए और बोले कि जाकर बरसठी थाने में समझौता कर लेना इससे ये साबित हो गया पुलिस का असली चेहरा क्‍या होता है, जब पुलिस समाज के वरिष्‍ठजनों के साथ जब ऐसा कर रही है तो और आम लोगों के साथ क्‍या करती होगी । वैसे बरसठी पुलिस थाने में यातना देनें के लिए कुख्‍यात  है । सन् 1982 के आस-पास बरसठी पुलिस नें एक दलित मुसहर को थाने में यातना देकर मार डाला था ।

वरिष्‍ठ जनों के उत्‍पीड़न का पूरा मामला  इस प्रकार था
सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है
जौनुपर, बरसठी की पुलिस मामले की पूरी लीपा-पोती में जुटी

सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामला उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुरब्लॉक बरसठी, थाना बरसठी के अंतर्गत है । मालूम रहे कि बरसठी थाने का  बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका सीएनओ नंबर 77217126  व  मोबाइल नंबर: 07388791887 है, जो अत्यंत भ्रष्ट, रिश्वतखोर और बड़े-बुजुर्गों को अपमानित करने वाला प्रकृति का है।
उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) नें ग्राम/पोस्ट परियत, जिलाः जौनपुर, उप्र के सम्मानित निवासी व करीब 70वर्षीय बुजुर्ग बीएमएस डॉ0 रमाकांत गुप्त/पुत्र स्वर्गीय इंसपेक्टर भगवती प्रसाद गुप्त व उनकी पत्नी रिटायर्ड सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका राजकुमारी देवी के साथ पुलिसिया गुण्डई दिखाते हुए उनके साथ बहुत ही घटियां, शर्मनाक व अभद्र भाषा का प्रयोग किया व एक अपराधी की तरह दुर्व्‍यवहार करते हुए उन्हें थाने चलने को जबरन मजबूर कर रहा था, इस उपरोक्त अधिकारी के साथ दो पुलिस वाले और थे जो उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी का साथ दे रहे थे, उपरोक्त घटना 4 मार्च, 2016 दिन के करीब साढ़े बारह बजे की है ।
इतना ही नहीं डॉ0 रमाकांत गुप्त को थोड़ा कपड़े पहनने में देर होने पर उपरोक्त पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान)  ने अत्यंत गंदे व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया और बोला कि -‘‘जल्दी कर अभी तक तैयार नहीं हुआ तू‘‘। उपरोक्त पुलिस अधिकारी नें बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी के साथ  गंदी व अशिष्ट अपशब्दों वाली भाषा का प्रयोग करते हुए बोला, ‘‘तुम यहाँ-वहाँ नाचना बंद कर, फाल्तू बकवास मत कर‘‘। 
सनद रहे कि  मामला जमीन से संबंधित था, डॉ0  रमाकांत गुप्त ट्रांसफार्मर के पास एक दीवार का निर्माण करा रहे थे क्योंकि गेद खेलते समय बच्चों का गेद ट्रांसफार्मर के पास चला जाता था जिससे बच्चों के प्राण जानें  का खतरा बना रहता है। इस ट्रांसफार्मर हटाने की शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से किया गया मगर अंधेर राज्य में जायज मांगे कभी पूरी ही नहीं होती।  इस संदर्भ में उपरोक्त दीवान रिवश्वखोर अधिकारी नें ग्रॉम प्रधान से भी कोई बात भी नहीं किया।
70वर्षीय बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी राजकुमारी देवी रिटायर्ड सरकारी जूनियर स्कूल की प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं जो बुद्धिजीवी समाज का प्रतिनिधित्व भी करती हैं जिनके पढ़ाए छात्र एसडीएम, डीएम तक बन चुके हैं । लेकिन उनके साथ भी इस पुलिस अधिकारी नें गंदे, घिनौने व मर्यादाहीन  शब्दों का प्रयोग किया, वो ऐसा कि पुलिस की वर्दी के आगे किसी का कोई सम्मान ही न  हो मानो बस सब उस उपरोक्त अधिकारी के दास हों।
70 वर्षीय बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त पेशे से डॉक्टर हैं जो हमेंशा गरीबों के ईलाज में अपना जीवन न्योछावर कर दिया, जिनका जीवन बेहद सादगी से भरा और पवित्र रहा है । डॉ0 रमाकांत गुप्त का अपराध से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है। इनकी उम्र करीब 70 वर्ष की है, क्या वे थाने में ले जानें लायक थे ? यदि उपरोक्त अधिकारी को कोई पूछताछ करनी थी तो उनकी उम्र देखकर उनके घर पर भी हो सकती थी। 
उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) जो महादुष्‍ट, बर्बर व्‍यवहार का था उसकी दरिंदगी व अभद्र भाषा के बाद डॉ0 रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा उनके सीने का दर्द और बढ़ गया, उनको हार्ट अटैक आते-आते बचा जिसका ईलाज चल रहा है। ज्ञात रहे कि डॉ0 रमाकांत गुप्त के सीने में  अक्सर दर्द होता रहता है जिसके लिए हमेंशा दवाएँ खाते रहते हैं। उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य और बिगड़ने लगा अगर उनको कुछ होता है तो उसके लिए भ्रष्ट, रिश्वतखोर बनारसी लाल (दीवान) व बरसठी थाने का थानाध्यक्ष  जिम्मेदार होगा ।
डॉ0  रमाकांत गुप्त से उपरोक्त बरसठी थाने का (दीवान)  द्वारा अपराधियों की तरह बर्ताव से वे बेहद मानसिक अवसाद में हैं क्योंकि वे पूरा जीवन सादगी से व्यतीत करने वाले समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं, जिनको किसी तरह के अपराध से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं रहा है। ज्ञात रहे कि बरसठी की बर्बर पुलिस अपने गंदे व घिनौने कामों के लिए कुख्‍यात है। सन् 1982 के करीब बरसठी की बर्बर पुलिस नें एक आदिवासी मुशहर को पीटते-पीटते मार डाला था जिसके चल्‍ते बहुत हंगामा हुआ था ।
ओर तो और इस भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति डॉ0  रमाकांत गुप्त व राजकुमारी देवी को रिश्वत देने के लिए बाध्य कर दिया, रिश्वत देने के बाद तब जाकर उस भ्रष्ट व रिश्वतखोर  उपरोक्त (दीवान)  ने बुजुर्ग दंपत्ति की जान छोड़ी। डॉ0  रमाकांत गुप्त, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी व उनका पूरा परिवार भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुरी तरह भयभीत व मानसिक सदमें में है ।
इस बुजुर्ग दंपत्ति नें उपरोक्त महाभ्रष्ट पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) की जौनपुर एसपी से शिकायत कर अविलंब दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की मांग किया है ।  क्योंकि बरसठी थाने के दीवान नें  70वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति का घोर अपमान किया है, उनके साथ अमर्यादित, गंदे, अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है व उन्हें रिश्वत देनें के लिए मजबूर किया । उपरोक्‍त  भ्रष्‍ट पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए थाने के बड़े, आला पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष ने पूरा एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू  कर दिया है । थानाध्‍यक्ष महोदय मामले के लीपा-पोती में पूरी तरह से जुट गए हैंवे पत्रकारों को बता रहे हैं कि ऐसा कुछ मामला था ही नहीं ।
उपरोक्‍त घटना की हिन्‍दू महासभा के वरिष्‍ठ अधिकारी पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र, रीता राय, रविन्‍द्र द्विवेदी  नें तीव्र व कड़े शब्‍दों में निंदा की है व दोषी व भ्रष्‍ट पुलिस के विरूद्ध अविलंब कार्यवाही की मांग की है, माँग पूरी न होने पर जनआंदोलन की शुरूआत करने की बात कही है ।
(लेखक एमबीबीएस डॉक्‍टर व फिल्‍म निर्माता है)

 

यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया


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यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया

 

 

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यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया


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सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है



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सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है

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Wednesday, March 9, 2016

सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है

                                              
जौनुपर, बरसठी की पुलिस मामले की पूरी लीपा-पोती में जुटी

सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामला उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुरब्लॉक बरसठी, थाना बरसठी के अंतर्गत है । मालूम रहे कि बरसठी थाने का  बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका सीएनओ नंबर 77217126  व  मोबाइल नंबर: 07388791887 है, जो अत्यंत भ्रष्ट, रिश्वतखोर और बड़े-बुजुर्गों को अपमानित करने वाला प्रकृति का है।

उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) नें ग्राम/पोस्ट परियत, जिलाः जौनपुर, उप्र के सम्मानित निवासी व करीब 70वर्षीय बुजुर्ग बीएमएस डॉ0 रमाकांत गुप्त/पुत्र स्वर्गीय इंसपेक्टर भगवती प्रसाद गुप्त व उनकी पत्नी रिटायर्ड सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका राजकुमारी देवी के साथ पुलिसिया गुण्डई दिखाते हुए उनके साथ बहुत ही घटियां, शर्मनाक व अभद्र भाषा का प्रयोग किया व एक अपराधी की तरह दुर्व्‍यवहार करते हुए उन्हें थाने चलने को जबरन मजबूर कर रहा था, इस उपरोक्त अधिकारी के साथ दो पुलिस वाले और थे जो उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी का साथ दे रहे थे, उपरोक्त घटना 4 मार्च, 2016 दिन के करीब साढ़े बारह बजे की है ।

इतना ही नहीं डॉ0 रमाकांत गुप्त को थोड़ा कपड़े पहनने में देर होने पर उपरोक्त पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान)  ने अत्यंत गंदे व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया और बोला कि -‘‘जल्दी कर अभी तक तैयार नहीं हुआ तू‘‘। उपरोक्त पुलिस अधिकारी नें बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी के साथ  गंदी व अशिष्ट अपशब्दों वाली भाषा का प्रयोग करते हुए बोला, ‘‘तुम यहाँ-वहाँ नाचना बंद कर, फाल्तू बकवास मत कर‘‘।  

सनद रहे कि  मामला जमीन से संबंधित था, डॉ0  रमाकांत गुप्त ट्रांसफार्मर के पास एक दीवार का निर्माण करा रहे थे क्योंकि गेद खेलते समय बच्चों का गेद ट्रांसफार्मर के पास चला जाता था जिससे बच्चों के प्राण जानें  का खतरा बना रहता है। इस ट्रांसफार्मर हटाने की शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से किया गया मगर अंधेर राज्य में जायज मांगे कभी पूरी ही नहीं होती।  इस संदर्भ में उपरोक्त दीवान रिवश्वखोर अधिकारी नें ग्रॉम प्रधान से भी कोई बात भी नहीं किया।

70वर्षीय बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी राजकुमारी देवी रिटायर्ड सरकारी जूनियर स्कूल की प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं जो बुद्धिजीवी समाज का प्रतिनिधित्व भी करती हैं जिनके पढ़ाए छात्र एसडीएम, डीएम तक बन चुके हैं । लेकिन उनके साथ भी इस पुलिस अधिकारी नें गंदे, घिनौने व मर्यादाहीन  शब्दों का प्रयोग किया, वो ऐसा कि पुलिस की वर्दी के आगे किसी का कोई सम्मान ही न  हो मानो बस सब उस उपरोक्त अधिकारी के दास हों।

70 वर्षीय बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त पेशे से डॉक्टर हैं जो हमेंशा गरीबों के ईलाज में अपना जीवन न्योछावर कर दिया, जिनका जीवन बेहद सादगी से भरा और पवित्र रहा है । डॉ0 रमाकांत गुप्त का अपराध से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है। इनकी उम्र करीब 70 वर्ष की है, क्या वे थाने में ले जानें लायक थे ? यदि उपरोक्त अधिकारी को कोई पूछताछ करनी थी तो उनकी उम्र देखकर उनके घर पर भी हो सकती थी।  

उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) जो महादुष्‍ट, बर्बर व्‍यवहार का था उसकी दरिंदगी व अभद्र भाषा के बाद डॉ0 रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा उनके सीने का दर्द और बढ़ गया, उनको हार्ट अटैक आते-आते बचा जिसका ईलाज चल रहा है। ज्ञात रहे कि डॉ0 रमाकांत गुप्त के सीने में  अक्सर दर्द होता रहता है जिसके लिए हमेंशा दवाएँ खाते रहते हैं। उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य और बिगड़ने लगा अगर उनको कुछ होता है तो उसके लिए भ्रष्ट, रिश्वतखोर बनारसी लाल (दीवान) व बरसठी थाने का थानाध्यक्ष  जिम्मेदार होगा ।
डॉ0  रमाकांत गुप्त से उपरोक्त बरसठी थाने का (दीवान)  द्वारा अपराधियों की तरह बर्ताव से वे बेहद मानसिक अवसाद में हैं क्योंकि वे पूरा जीवन सादगी से व्यतीत करने वाले समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं, जिनको किसी तरह के अपराध से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं रहा है। ज्ञात रहे कि बरसठी की बर्बर पुलिस अपने गंदे व घिनौने कामों के लिए कुख्‍यात है। सन् 1982 के करीब बरसठी की बर्बर पुलिस नें एक आदिवासी मुशहर को पीटते-पीटते मार डाला था जिसके चल्‍ते बहुत हंगामा हुआ था ।
ओर तो और इस भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति डॉ0  रमाकांत गुप्त व राजकुमारी देवी को रिश्वत देने के लिए बाध्य कर दिया, रिश्वत देने के बाद तब जाकर उस भ्रष्ट व रिश्वतखोर  उपरोक्त (दीवान)  ने बुजुर्ग दंपत्ति की जान छोड़ी। डॉ0  रमाकांत गुप्त, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी व उनका पूरा परिवार भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुरी तरह भयभीत व मानसिक सदमें में है ।

इस बुजुर्ग दंपत्ति नें उपरोक्त महाभ्रष्ट पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) की जौनपुर एसपी से शिकायत कर अविलंब दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की मांग किया है ।  क्योंकि बरसठी थाने के दीवान नें  70वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति का घोर अपमान किया है, उनके साथ अमर्यादित, गंदे, अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है व उन्हें रिश्वत देनें के लिए मजबूर किया । उपरोक्‍त  भ्रष्‍ट पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए थाने के बड़े, आला पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष ने पूरा एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू  कर दिया है । थानाध्‍यक्ष महोदय मामले के लीपा-पोती में पूरी तरह से जुट गए हैं,  वे पत्रकारों को बता रहे हैं कि ऐसा कुछ मामला था ही नहीं ।

उपरोक्‍त घटना की हिन्‍दू महासभा के वरिष्‍ठ अधिकारी पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र, रीता राय, रविन्‍द्र द्विवेदी  नें तीव्र व कड़े शब्‍दों में निंदा की है व दोषी व भ्रष्‍ट पुलिस के विरूद्ध अविलंब कार्यवाही की मांग की है, माँग पूरी न होने पर जनआंदोलन की शुरूआत करने की बात कही है ।



Tuesday, February 16, 2016

भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा



           ‘‘भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए‘‘ उपरोक्त बातें अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव रविन्द्र द्विवेदी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिए एक पत्र में कही । ज्ञात हो कि    उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुर, रामपुर ब्लॉक  के अंतर्गत रतन यादव नाम का लेखपाल जो अत्यंत भ्रष्ट और रिश्वतखोर प्रकृति का अधिकारी है जिसने वहां की मासूम जनता को परेशान करके रख दिया है।

श्री द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में बताया कि यह लेखपाल भोले-भाले जनता को फँसाकर धन उगाहने का प्रयास करता रहता है । वर्तमान में रामपुर के बहुत से लोगों को रिश्वत देने के लिए डरा-धमकाकर मजबूर करनें में लगा हुआ है, जिससे नागरिकों में उसके आतंक का भय पूरी तरह व्याप्त हो गया है ।  इतना ही नहीं उपरोक्त लेखपाल को बड़े-बड़े सवर्ण जातियों का भी समर्थन प्राप्त है  जिससे उसका दुःसाहस और भी बढ़ गया है और रामपुर के पीडि़त लोग इसके विरूद्ध मुँह खोलनें का साहस नहीं कर पा रहे हैं ।

हिन्दू महासभा के महासचिव रविन्द्र द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में कहा है कि  रतन यादव नामक लेखपाल रिश्वतखोरी में अकेला नहीं है इसके साथ और कई अधिकारी मिले हुए हैं जैसे कानून गो, नायब तहसीलदार आदि । 

रविन्द्र द्विवेदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यदि कोई नागरिक आबादी के जमीन में आबाद है तो उपरोक्त लेखपाल को पता चल जाता है तो वह  उस आबादी के जमीन पर रहने वाले उन भोले-भाले  नागरिक को स्टैम्प घोटाले करनें  का भय दिखाता है और लेखपाल आगे उनसे कहता है कि आपने तो जमीन की रजिस्ट्री कराई ही नहीं हैं जिससे सरकार को लाखों का घाटा हुआ है, आपने स्टैंप घोटाला किया है और अब आप मुझे लगभग पचास-साठ हजार रूपये दे दो वर्ना तुम बहुत बुरे ढंग से फँसोगे ।

 रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि यदि वह भोला-भाला इंसान रिश्वत देनें से मना करने लगता है तो वह लेखपाल कानून गो व नायब तहसीलदार के सामने उपरोक्त नागरिक को प्रस्तुत करवाकर पूरे चार-पाँच लाख का खर्च दिखाता है और कहता है कि पचास-साठ हजार में अपना काम निपटा लो वर्ना स्टैम्प घोटालें में कई लाखों के चपेट में आओगे और जेल  अलग से होगी ।
 
रविन्द्र द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपने पत्र में आगे कहा कि रामपुर के जिन लोगों नें शिकायत की है वे बहुत बुरी तरह डरे-सहमें हुए हैं यदि वे सामने आकर शिकायत करते हैं तो ये लेखपाल उन्हें जान से भी मरवा सकता है क्योंकि रतन यादव नामक लेखपाल को वहाँ के आस-पास के दबंग ठाकुरों का भारी समर्थन प्राप्त है और वह अपनी पहुँच लखनऊ के बड़े-बड़े नेताओं तक बताता है। इतना ही नहीं, रतन यादव नामक लेखपाल अपना संबंध समाजवादी पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं से बताता है और हमेंशा सीधे-सादे और मासूम लोगों को उस परिचय का धौंस दिखाता  रहता है ।

आगे महासचिव द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से अपनी बात रखते हुए कहा कि पीडि़त शिकायतकर्ता शासन-प्रशासन के समक्ष आकर सारी बात बता सकते हैं लेकिन यदि शासन-प्रशासन उनका नाम पूरी तरह गुप्त रखें व उनके परिवार की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ।

महासचिव रविन्द्र द्विवेदी नें  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से आगे मांग की  है कि इस भ्रष्ट रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाये जिससे भविष्य में इस तरह की गलती कोई लेखपाल करने का दुःसाहस न करे और इसके साथ यह भी मांग की है कि लेखपाल रतन यादव के साथ-साथ उसके इस गलत कार्य में साथ देनें वाले अन्य अधिकारियों के प्रति भी कड़ी से कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही किया जाये जिससे उपरोक्त लेखपाल का रिश्वत नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो जाये ।

आगे, हिन्दू महासभा के महासचिव ने अपनी चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से  कहा कि यदि इस भ्रष्ट लेखपाल को बर्खास्त नहीं किया गया तो जितने आबादी के जमींन पर गरीब नागरिक रह रहे हैं उसके लिए उपरोक्त लेखपाल बहुत बड़े  खतरे का सबब  साबित होगा ।

अंत में जुझारू  नेता रविन्द्र द्विवेदी नें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को आगाह करते हुए कहा कि उपरोक्त भ्रष्ट लेखपाल को यदि अविलंब बर्खास्त नहीं किया जाता तो अखिल भारत हिन्दू महासभा जनआंदोलन आरंभ करेगी और साथ में सोशल मीडिया पर भी अभियान को द्रुत  गति से चलाएगी । 

मित्रों आप सब लोग इस भ्रष्‍टाचार की शिकायत उप्र के मुख्‍यमंत्री कार्यालय व  जौनपुर के डीएम से भी शिकायत कर सकते हैं –
मुख्‍यमंत्री कार्यालय का फोन नंबर – 0522- 2236181,  2239296,  2215501, 2236838, 2236985

जौनपुर जिले के डीएम का नंबर है – 09454417578

भ्रष्‍ट लेखपाल रतन यादव का मोबाइल नंबर- 09838157703

महत्‍वपूर्ण लिंक :



भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


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